Official "Hindi" publication of Vivek Magazine for national readers...
स्वतंत्रता के बाद मुंबई से साप्ताहिक विवेक का प्रकाशन (मराठी में) शुरू किया गया| विगत सडसठ सालों से विवेक के माध्यम से अनेक राष्ट्रीय, सामाजिक राजनीतिक व अन्य विषयों को समय - समय पर मुखरित किया गया है|
इसी पृष्ठभूमि पर देश भर के पाठकों, लेखकों, विचारकों और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की मांग पर विवेक ने ‘हिंदी विवेक’ के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने का लक्ष्य सुनिश्चित किया और आज से पांच वर्ष पूर्व ‘हिंदी विवेक’ का प्रकाशन शुरू किया गया|
हिंदी विवेक के प्रवेशांक का लोकार्पण नासिक के कालिदास सभागृह में हजारों लोगों की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पू. मोहनजी भागवत के करकमलों द्वारा २ अप्रैल, सन २०१० को किया गया| उसी समय यह निर्णय लिया गया था कि भविष्य में प्रकाशित होनेवाले हिंदी विवेक के सभी अंकों का लोकार्पण समारोह के रुप में किया जाएगा| अत: मुंबई तथा देशभर के प्रमुख शहरों में हिंदी विवेक के माह के अंक का लोकार्पण समाज के सुप्रसिद्ध विद्वानों, पत्रकारों, समाजसेवकों, राजनेताओं, उद्योगपतियों और शिक्षा सेवियों द्वारा किया गया| इन समारोहों के माध्यम से विवेक के साथ वैचारिक सामंजस्य न रखने वाले लोगों के साथ भी हिंदी विवेक के सम्बन्ध विकसित हुए| रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह मा. भैयाजी जोशी, केंद्रीय मंत्री मा. नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री मा. देवेन्द्र फडणवीस, शिवसेना नेता व बैंकर श्री एकनाथ ठाकुर, श्री सुधीर मुनगंटीवार, श्री. मनोहर जोशी, श्री. सुब्रह्नण्यम स्वामी, श्री. कलराज मिश्र,श्री.वरूण गांधी ,सुश्री स्मृति इराणी और इस्कॉन के प्रमुख श्री. सूरदास प्रभुजी, केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल मा. श्री राम नाईक, महाराष्ट्र के राज्यपाल मा. के. विद्यासागर राव, रा.स्व. संघ के सह सरकार्यवाह मा. कृष्णगोपाल जी, रा.स्व. संघ के सह सरकार्यवाह मा. दत्तात्रय होसबोले आदि मान्यवरों ने हिंदी विवेक के कार्यक्रमों में उत्साहवर्धक व वैचारिक मार्गदर्शन किया| हिंदी विवेक लोकार्पण समारोहों में पाठकों को निमंत्रित करने की एक परम्परा की शुरूआत हुई, जिसका प्रसार व प्रचार में बहुत योगदान मिला|