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उ。 प्र。 सं。 सं,लखनऊकेपुस्तकालयमेंउपलब्धपुस्तकोंतथापांडुलिपियोंकीसूची
इसपुस्तकसंदर्शिकामेंउत्तरप्रदेशसंस्कृतसंस्थान,लखनऊकेपुस्तकालयमेंउपलब्धपुस्तकोंतथापांडुलिपियोंकीसूचीदीगईहै。 संदर्शिकालगभग19000पुस्तकोंतथा4000पांडुलिपियोंकोसम्मिलितकरबनाईगईहै。 विविधविषयोंपरहिंदीभाषामेंलिखितलगभग2000पुस्तकोंतथासंस्कृतविषयपरअंग्रेजीमेंलिखित1000पुस्तकोंकीसूचीकोभीसम्मिलितकियागयाहै。
देवनागरीलिपितथाइंग्लिशमेंलिखितपुस्तकोंकेलिए1.पुस्तक2.लेखक3.विषयकेनामसेअलग - अलगखोजकीसुविधादीगईहै。 हस्तलिखितपांडुलिपियोंको1.हस्तलिपिकेनामसेतथा2.विषयकेनामसेखोजनेकीसुविधाउपलब्धहै。
जिनसंस्कृतपुस्तकोंकीअनेकप्रतियांअथवाटीकाउपलब्धहै,उसपरक्लिककरनेपरलेखकएवंटीकाकारकानामखुलताहै。 यहांचयनकरपुस्तककाविस्तृतविवरणप्राप्तकियाजासकताहै。 जिनपुस्तकोंकेअनेकनामप्राप्तहोतेहैं,उन्हेंअलग-अलगप्रदर्शितकियागयाहै。
पुस्तकतथालेखकनामकेपूर्वलिखेगयेआलंकारिकउपाधियों,मंगलवाचीपदोंयथाश्री,अथ,डॉ,आचार्यआदिकोहटाकरटंकितकियागयाहै,तथापिअसावधानीवशकुछशेषरहगयेहैं。 वर्तनीकीविविधताकेकारणएकहीपुस्तकतथालेखककेनामअलगअलगहोजातेहैं。 यथातत्त्वतत्व,चिंतनचिन्तन,रघुवंशम्तथारघुवंशमहाकाव्यम्,रामकिशोररामकिशोरआदि。 अतःवर्णक्रमसेखोजकरनेवालेखोजकर्ताअलग - अलगवर्तनीतथाप्रचलितनामकेवर्णक्रममेंभीदेखें。 उपर्युक्तकेसमाधानतथाआपकीसुविधाहेतुकीवर्डसर्चकीसुविधादीगयीहै。 उपयोगकर्ताओंकीसुविधाकोध्यानमेंरखकरकिन्हींउपविषयोंकोमूलवर्गमेंतोकिसीउपविषयकोविषयकेरूपमेंरखागयाहै。 कुछपुस्तकोंकोअवर्गीकृतश्रेणीमेंरखागयाहै。 विषयसेखोजकेक्रममेंयदिपुस्तकउपलब्धनहींहोतोपुस्तकनामअथवालेखककेनामसेढूंढनाचाहिए。
पुस्तकालयमेंजिनपुस्तकोंकीएकप्रतियांउपलब्धहैं,वहाँएकपरिग्रहणसंख्यादीगयीहै.एकसेअधिकप्रतियोंकेलिएप्रत्येकपुस्तककीपृथक् - पृथक्परिग्रहणसंख्यादर्शायीगयीहै。 अनेकभागवालेपुस्तकोंकेभागसंख्यामें,चिह्नदेकरअन्यभागकीसंख्यालिखीहै。 पुस्तकोंकाविषयविभाजनसंस्कृतवाङ्मयकोकेंद्रमेंरखकरकियागयाहै。
आशाहैसुधीउपयोगकर्ताउपयोगकेद्वाराइसकेसैद्धांतिकपक्षसेपरिचितहोजाएंगे。 भविष्यमेंइसमेंऔरअधिकपरिवर्तनतथासंशोधनकियाजातारहेगा。
प्रोफेसरमदनमोहनझातथाइनकेसुपुत्रश्रीसृजनझानेसर्वसुलभइसपुस्तकसंदर्शिकाकेद्वारापुस्तकालयमेंभंडारितपुस्तकोंतथाहस्तलेखोंकोजन-जनके的Androidफोनतकपहुँचाकरसबकेलिएज्ञानकाद्वारउद्घाटितकरदियाहै。 इसमेंमैंनिमित्तमात्रहूं。 संस्कृतजगत्प्रो。 झाकाचिरआभारीरहेगा。 मैंकिनशब्दोंमेंकृतज्ञताअर्पितकरूं?
जगदानन्दझा
प्रशासनिकअधिकारी
उत्तरप्रदेशसंस्कृतसंस्थान,लखनऊ
Last updated on 2017年01月02日
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Pustak Sangdarshika
1.0 by Srujan Jha
2017年01月02日