We use cookies and other technologies on this website to enhance your user experience.
By clicking any link on this page you are giving your consent to our Privacy Policy and Cookies Policy.
Vrat Katha (व्रत कथा व विधि ) ikona

1.0 by YoguruTechnologies


May 28, 2020

O Vrat Katha (व्रत कथा व विधि )

Wypełnij miesięczne metody i historie postu mądrego (Sagar in Gagar) - To jest aplikacja online.

इस एप में व्रत और उपवास विधि के साथ श्रीनाथ जी की वैष्णव टिपणी, हिन्दू कैलंडर व पंचांग सहित बहुत सी सामग्री एकदम फ्री उपलब्ध हैं ।

किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दिनभर के लिए अन्न या जल या अन्य भोजन या इन सबका त्याग व्रत कहलाता है।

किसी कार्य को पूरा करने का संकल्प लेना भी व्रत कहलाता है।

संकल्पपूर्वक किए गए कर्म को व्रत कहते हैं।

मनुष्य को पुण्य के आचरण से सुख और पाप के आचरण से दु:ख होता है। संसार का प्रत्येक प्राणी अपने अनुकूल सुख की प्राप्ति और अपने प्रतिकूल दु:ख की निवृत्ति चाहता है। मानव की इस परिस्थिति को अवगत कर त्रिकालज्ञ और परहित में रत ऋषिमुनियों ने वेद, पुराण, स्मृति और समस्त निबंधग्रंथों को आत्मसात् कर मानव के कल्याण के हेतु सुख की प्राप्ति तथा दु:ख की निवृत्ति के लिए अनेक उपाय कहे हैं। उन्हीं उपायों में से व्रत और उपवास श्रेष्ठ तथा सुगम उपाय हैं । उन अंगों का विवेचन करने पर दिखाई पड़ता है कि उपवास भी व्रत का एक प्रमुख अंग है। इसीलिए अनेक स्थलों पर यह कहा गया है कि व्रत और उपवास में परस्पर अंगागि भाव संबंध है। अनेक व्रतों के आचरणकाल में उपवास करने का विधान देखा जाता है।

व्रत, धर्म का साधन माना गया है। संसार के समस्त धर्मों ने किसी न किसी रूप में व्रत और उपवास को अपनाया है। व्रत के आचरण से पापों का नाश, पुण्य का उदय, शरीर और मन की शुद्धि, अभिलषित मनोरथ की प्राप्ति और शांति तथा परम पुरुषार्थ की सिद्धि होती है। अनेक प्रकार के व्रतों में सर्वप्रथम वेद के द्वारा प्रतिपादित अग्नि की उपासना रूपी व्रत देखने में आता है। इस उपासना के पूर्व विधानपूर्वक अग्निपरिग्रह आवश्यक होता है। अग्निपरिग्रह के पश्चात् व्रती के द्वारा सर्वप्रथम पौर्णमास याग करने का विधान है। इस याग को प्रारंभ करने का अधिकार उसे उस समय प्राप्त होता है जब याग से पूर्वदित वह विहित व्रत का अनुष्ठान संपन्न कर लेता है। यदि प्रमादवश उपासक ने आवश्यक व्रतानुष्ठान नहीं किया और उसके अंगभूत नियमों का पालन नहीं किया तो देवता उसके द्वारा समर्पित हविर्द्रव्य स्वीकार नहीं करते।

ब्राह्मणग्रंथ के आधार पर देवता सर्वदा सत्यशील होते हैं। इसीलिए देवता मानव से सर्वदा परोक्ष रहना पसंद करते हैं। व्रत के परिग्रह के समय उपासक अपने आराध्य अग्निदेव से करबद्ध प्रार्थना करता है- "मैं नियमपूर्वक व्रत का आचरण करुँगा, मिथ्या को छोड़कर सर्वदा सत्य का पालन करूँगा।" इस उपर्युक्त अर्थ के द्योतक वैदिक मंत्र का उच्चारण कर वह अग्नि में समित् की आहुति करता है। उस दिन वह अहोरात्र में केवल एक बार हविष्यान्न का भोजन, तृण से आच्छादित भूमि पर रात्रि में शयन और अखंड ब्रह्मचर्य का पालन प्रभृति समस्त आवश्यक नियमों का पालन करता है।

★ रविवार व्रतकथा

★ सोमवार व्रतकथा

★ अहोई व्रतकथा

★ भाई दूज व्रतकथा

★ गणगौर व्रतकथा

★ गोवर्धन व्रतकथा

★ हरतालिका तीज व्रतकथा

★ होलिका की कथा व्रतकथा

★ करवाचौथ व्रतकथा

★ महालक्ष्मी व्रतकथा

★ मंगला गौरी व्रतकथा

★ नरसिंघ जयंती व्रतकथा

★ प्रदोष व्रतकथा

★ श्री गणेश संकट चतुर्थी (संकट चौथ) व्रतकथा

★ संतोषी माता व्रतकथा

★ सत्यनारायण व्रतकथा

★ श्रावण सोमवार व्रतकथा

★ शरद पूर्णिमा व्रतकथा

★ शिवरात्रि व्रतकथा

★ वट सावित्री व्रतकथा

★ पुरुषोतमी (परमा) एकादशी व्रत कथा

★ पद्मा एकादशी व्रत कथा

★ मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

★ कमला (पद्मिनी) एकादशी व्रत कथा

★ कामदा एकादशी व्रत कथा

★ देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत कथा

★ सफला एकादशी व्रत कथा

★ देवउठनी एकादशी व्रत कथा

★ निर्जला एकादशी व्रत कथा

★ मोहिनी एकादशी व्रत कथा

★ वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

★ आमलकी एकादशी व्रत कथा

★ विजया एकादशी व्रत कथा

★ जया एकादशी व्रत कथा

★ षटतिला एकादशी व्रत कथा

★ पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

★ उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

★ रमा एकादशी व्रत कथा

★ पापांकुशा एकादशी व्रत कथा

★ नवरात्री व्रत कथा

★ नवरात्री के पहले तीन दिन

★ नवरात्री के चौथा से छठा दिन

★ नवरात्री का सातवां और आठवां दिन

★ नवरात्री का नौवां दिन

★ नवरात्री के नौ दिन कैसे करें कन्या पूजन

★ नवरात्री व्रत महत्व

★ नवरात्री में कैसे करें माँ दुर्गा का पूजन

★ प्रमुख कथा

★ अन्य कथाएं

Satyanarayan katha,

Holika dahan katha,

VAISHNAV

VRAT UPVAS

KATHA

Karva Chauth,

Savan somvar,

Hartalika Teej,

Santoshi Mata,

Sharad Purnima,

Shivratri,

Mahalaxmi,

Mangala Gauri,

Pradosh, Bhai Dooj,

Govardhan Pooja,

Vat Savitri

Shitala saptami(budho basoda),

Purnima,

Amavasya,

Somwar,

Ravi,

Shani,

Mangal,

Vaibhav Lkshami,

Durgashtami,

Navratri,

SHREENATH JI TIPANI

PANCHANG

-

All Ekadashi Katha's in simple to understand in Hindi language .

Co nowego w najnowszej wersji 1.0

Last updated on May 28, 2020

Minor bug fixes and improvements. Install or update to the newest version to check it out!

Tłumaczenie Wczytuję...

Dodatkowe informacje APLIKACJA

Ostatnia Wersja

Dostępne Vrat Katha (व्रत कथा व विधि ) aktualizacje 1.0

Wymaga Androida

4.1 and up

Available on

Pobierz Vrat Katha (व्रत कथा व विधि ) z Google Play

Pokaż więcej

Vrat Katha (व्रत कथा व विधि ) Zrzuty ekranu

Subskrybuj APKPure
Bądź pierwszym, który uzyskał dostęp do wczesnego wydania, wiadomości i przewodników najlepszych gier i aplikacji na Androida.
Nie, dziękuję
Zapisać się
Subskrybowano pomyślnie!
Jesteś teraz subskrybowany do APKPure.
Subskrybuj APKPure
Bądź pierwszym, który uzyskał dostęp do wczesnego wydania, wiadomości i przewodników najlepszych gier i aplikacji na Androida.
Nie, dziękuję
Zapisać się
Powodzenie!
Jesteś teraz subskrybowany do naszego biuletynu.